“मैं सड़क हूँ रहती हूँ एक ही जगह कभी निःस्तब्ध, मौन कभी कराहती हुई ! “मैं सड़क हूँ रहती हूँ एक ही जगह कभी निःस्तब्ध, मौन कभी कराहती हुई !
इस दौड़ते भागते जिंदगी में हम मूल को भूलते जा रहे है। हमारे अपनों से होती दूरी को संजीदे तरीके से पेश... इस दौड़ते भागते जिंदगी में हम मूल को भूलते जा रहे है। हमारे अपनों से होती दूरी को...
हम रुसवा भी ख़ुद से है हम तन्हा भी ख़ुद से है, तुम क्या मेरा गम जानोगे हमारे आंसू दरिय हम रुसवा भी ख़ुद से है हम तन्हा भी ख़ुद से है, तुम क्या मेरा गम जानोगे हम...
और नागरिक रजिस्टर के निर्माण का रास्ता शाहीन बाग से होकर गुजरता है। और नागरिक रजिस्टर के निर्माण का रास्ता शाहीन बाग से होकर गुजरता है।
दरवाजे़ पर ताला लगता है दरवाजा़ घुट रहा हैं इस बंधन से... दरवाजे़ पर ताला लगता है दरवाजा़ घुट रहा हैं इस बंधन से...
थके-थके से शब्द हैं तो भी थके-थके से शब्द हैं तो भी